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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में स्वामी श्रद्धानंद जी के 93वाँ बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में स्वामी श्रद्धानंद जी के 93वाँ बलिदान दिवस के ...

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में स्वामी श्रद्धानंद जी के 93वाँ बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं 88वें अखिल भारतीय स्वामी श्रद्धानंद हॉकी टूर्नामेंट का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार हाईवे पर बन रहे फ्लाईओवर का नाम स्वामी श्रद्धानन्द के नाम पर रखने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा। गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय मैदान में एस्ट्रो टर्फ बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भी सहयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने ऐसे महापुरुषों को जन्म दिया है, जिन्होंने इस देश की परम्पराओं और संस्कृति को अभिसिंचित ही नहीं किया है, बल्कि उसके प्रचार-प्रसार के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारत को विश्व में कीर्तिमान दिलाने में अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों एवं छुआछूत पर स्वामी श्रद्धानंद जी ने प्रहार करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि आज देश बदल रहा है। देश परिवर्तन की ओर जा रहा है। जिसकी कल्पना स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानंद एवं अरविन्द घोष ने की थी, आज भारत उस ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड योग भूमि है, एक शांति प्रिय प्रदेश है। किसी भी अशांति का वातावरण प्रदेश में न हो, इसका सबको ध्यान रखना होगा। जिन पवित्र कार्यों के लिए गुरुकुल जैसे संस्थानों की स्थापना हुई, जिसके लिए स्वामी श्रद्धानंद जी ने बलिदान दिया, उनके इस बलिदान को याद कर हमें उनके द्वारा दिखाये गये पथ पर आगे बढ़ना होगा।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह, विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, श्री आदेश चौहान, श्री संजय गुप्ता, कुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय प्रो. रूप किशोर शास्त्री एवं स्वामी सम्पूर्णानंद आदि उपस्थित थे