प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मि...
प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक ली।
बैठक में उन्होंने कहा कि बन्द विद्यालयों का उपयोग ट्रैकिंग रूट और यात्रा रूट के लिए होम स्टे के रूप में किया जायेगा। यह प्रस्ताव सम्पूर्ण प्रदेश में, पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रस्तावित किया जायेगा। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि जहाँ अध्यापकों की कमी है उन स्कूलों में गेस्ट टीचर्स के माध्यम से अभाव की पूर्ति की जाए एवं फर्नीचर, पेयजल एवं रसोई घर के लिए आवश्यक धनराशि का प्रबन्ध किया जाए।
विद्यालयों में कंप्यूटर की आपूर्ति पूर्व सांसद श्री सतपाल महाराज निधि के अवमुक्त बजट से की जायेगी। 331 स्कूलों में प्रति 2 कंप्यूटर एक स्कूल में कुल 662 कंप्यूटर की आपूर्ति की जायेगी। यह कंप्यूटर नवीनतम टैक्नोलाॅजी पर आधारित आई-3 कंप्यूटर होंगे। बैठक में ई-लर्निंग क्लास, वर्चुअल क्लास को प्रभावी करने का निर्देश दिया गया।
श्री सतपाल महाराज ने कहा विद्यालय की छतों की मरम्मत के लिए, छतों के स्थान पर सोलर पैनल का उपयोग किया जाए। सोलर पैनल के छत से जहाँ सब्सिडी मिलेगी वही पर बिजली की बचत भी होगी तथा यह भूकंपरोधी के रूप में कार्य करेगा। इससे सम्बन्धित प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
बैठक में निजी विद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया दोषपूर्ण होने के कारण अध्यापकों के चयन हेतु अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अथवा माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के माध्यम से चयन करने का प्रस्ताव शासन को भेजने का भी निर्देश दिया गया।
इस अवसर पर अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रवनीत चीमा, संयुक्त निदेशक एस.सी.भट्ट, सीईओ एम.एस.रावत, डीईओ के.एस.रावत, उप निदेशक माध्यमिक एच.एन.यादव, बीईओ एकेश्वर एल.पी.यादव एवं बीईओ द्वारीखाल आर.एस.तोमर इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।