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स्कूल ड्रेस पा कर बच्चो के खिले चेहरे

राजधानी में  पछवादून में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जगतपुर ढालवाला सहसपुर ब्लाक के स्कूल में प्रधाध्यापिका ने एक अनूठी पहल की। जिसमें ...

राजधानी में  पछवादून में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जगतपुर ढालवाला सहसपुर ब्लाक के स्कूल में प्रधाध्यापिका ने एक अनूठी पहल की। जिसमें बच्चों के प्रति इस अनूठी पहल से बच्चों का खुशी से चहरे खिल उठे व साथ ही अभिभावकों व क्षेत्र की ग्राम प्रधान सहित सभी ने प्रधानाध्यापिका के इस पहल की तरीफ की और कहा की नीजि स्कूलों के जैसे अब हमारे गांव के बच्चे। दिखते हैे ।


वही जिसमें  जीपीएस जगतपुर ढालवाला सहसपुर ब्लाक के इस स्कूल में एक छोटे से कार्यक्रम के दौरान इस ग्राम सभा की प्रधान श्रीमति पूर्णिमा नेगी ने कहा की स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने स्कूल को अच्छा व साफ-सफाई के साथ-साथ बच्चों को भी सुन्दर बना कर शिक्षा दे रही है। जिसमें प्रधानी ने कहा की आज स्कूल में मेरे हाथों से बच्चों को गर्म कोर्ट व टाई बेल्ट आदि समाग्री वितृति की गई। इस देख कर प्रधानाध्यापिका की जितनी प्रशंासा की जाए कम हेै। उन्होनें इस स्कूल को नीजि स्कूल जैसा के बच्चो के भी देखने पर लग रह है। साथ ही श्रीमति पूर्णिमा नेगी ने कहा की स्कूल में बच्चों के पढ़ाई संबंधित कोई भी समाग्री आवश्यकता हो या फिर स्कूल में टुट-फुट व मरम्मत, फर्नीचर आदि के लिए व्यवस्था जल्द की जाएगी।


 


ग्राम प्रधान श्रीमती नेगी ने कहा कि स्कूल में बच्चों को ड्रेस के लिए 600रूपये प्रत्येक बच्चा सरकार प्रदान करती है। जिसमें बच्चों को ड्रेस में पेंट, शर्ट एवं छात्राओं के लिए सलवार कुर्ती मिलता है। साथ ही इन्हें टाई, बेल्ट, जूते जुराब भी सरकार प्रदान करें। जो नहीं मिलता केवल 600रूपये में ड्रेस लेकर सरकार देती उसके यह सब भी होना चाहिए। और जो ड्रेस मिलती है वह भी हल्की क्वालिटी का होता है जो पूरा साल भी बच्चे नहीं चला पाते कुछ ही माह में वह खराब हो जाते हैं। वही इस शिक्षा के मंदिर में भी जैसी सुविधाओं के संसाधनों को कोई संस्था दान कर सकता है। जिसमें स्वयं सहायता समूह व अन्य संस्थाओं को भी इसके लिए आगे आना चाहिए।


वही इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमति पुष्पारानी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर बच्चे को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है। लेकिन सीमित संसाधनों के अभाव में सरकार सभी जरूरतों को पूरा के लिए गुरु शिष्य की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शिक्षकों को भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। और बच्चों की जरूरतों को हर हाल में पूरा करना चाहिए चाहे इसके लिए समाज के लोगों, संस्थाओं की मदद ही क्यों ना ली जाएं। इस शिक्षा के मंदिर में जितनी जिसकी क्षमता हो उतना योगदान खुद से करें और बाकी मदद समाज अन्य लोगों से भी ले सकते हैं।


वही जिसमें कोई भी एनजीओ विद्यालय को योगदान देना चाहते हैं आगे आ सकते हैं। वही प्रधानाध्यापिका ने कहा की वह चाहती है कि यह विद्यालय एक उन्नत आदर्श विद्यालय के रूप में उभर कर सामने आए ये बच्चे देश के भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे समाज का आईना होते हैं और देश के निर्माण में बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इस इनकी सुरक्षा और जरूरतों को पूरा करना हम सभी का कर्तव्य है। जिसमें सभी स्कूलों में स्वच्छता अभियान जागरूक के साथ बेटी बचाओं व बेटी पढ़ो का भी संदेश दिया।


वही इस कार्यक्रम के अवसर गांव के वार्ड मेंबर अतुल चैहान ने भी बच्चों को कोर्ट, टाई,बेल्ट वितरित किये। वहा भी काफी प्रसंन हुए। इस मौके पर गांव के अभिभवाक एवं स्कूल प्रबंध समिति के सदस्य ने प्रधानाध्यापिका की इस पहल की सहराना की जिसमें सभी लोग उपस्थित थें।