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व्यापारियो पर लगाये जाने वाले लाइसेंस फीस को मेयर द्वारा वापस ले लिया गया

  नगर निगम द्वारा प्रस्तावित  19 ज़नवरी को समाचार पत्रो मे लाइसेंस फीस के नाम पर व्यापारियो पर लगाये जाने वाले लाइसेंस फीस को माननीय मेयर साह...

 


नगर निगम द्वारा प्रस्तावित  19 ज़नवरी को समाचार पत्रो मे लाइसेंस फीस के नाम पर व्यापारियो पर लगाये जाने वाले लाइसेंस फीस को माननीय मेयर साहब द्वारा वापस ले लिया गया है,
 बता दे की दून उद्योग व्यापार मण्डल के शनिवार को गीता भवन मे  हुई  बैठक मे विभिन्न ईकाईयो द्वारा यह तय किया गया था की  सोमवार को 12 बजे नगर निगम मे माननीय मेयर साहब को लाइ सेंस फीस के विरोध मे ज्ञापन दिया  जायेगा,परन्तु व्यापरियो मे इसको लेकर इतना विरोध  था की,अलग अलग इकाईयो से मिलकर लगभग हजारो की संख्या मे व्यापारी पहुँच गये,और नारेबाजी करने लगे,और अपना विरोध व्यक्त करने लगे,
महामंत्री सुनील मेसोन ने व्यापारीयो को आश्वस्त किया  की यहा हम बस ज्ञापन देने आये हैं,परन्तु व्यापारी ने अपने विरोध को बरकरार रखा,

अध्यक्ष श्री विपिन नागलिया ने व्यापारियो की परेशानी समझते हुए मेयर साहब से कहा की,सरकार भी मानती है की अर्थिक मंदी चल रही है,व्यापार कई कारणो से मन्दा चल रहा हैं,अभी स्मार्ट सीटी के प्रोजेक्ट शुरू होने है,ट्रेफिक डायवर्ट हैं,तमाम तरह की दिक्कते है,उसके बाद निगम द्वारा लाईसेंस फीस थोपे जाना हमारे उपर पहाड़ बनकर टूट रहा हैं,इसे कृपया वापस ले,

सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने भी मेयर साहब से इसे वापस लेने का निवेदन किया

पियुष मौर्या ने कहा की जब हम व्यापार करने के हर तरह के लाइसेंस ले रखे है,और हर तरह का टैक्स ज़मा कर रहे हैं तो फिर यह नये तरह का लाईसेंस क्यूँ ले!

दून उद्योग व्यापार मंड़ल के संरक्षक  श्री अनिल गोयल ने माननीय मेयर साहब को व्यापारीयो की स्थिती को विस्तार से समझाया और अपना विरोध व्यक्त किया ।
*श्री आनन्द स्वरूप जी ने कहा राजपूर रोड़ पर ट्रेफिक फ्लान पर भी नाराजगी जताई.और कहा की इसे तत्काल खत्म करने की भी मांग की!

सभी अलग अलग व्यापरियो के विरोध को देखते हुए माननीय मेयर साहब ने सभी पदाधिकारियो के साथ बैठक करी,और प्रसन्न  भाव मे बोला की मैं भी आपके बीच का हूं और व्यापारी एकता के नारे भी लगाये.फिर मेयर साहब ने मुस्कराते हुए कहा की मैं आपके बीच का हू.आप मुझे बुला लेते,प्रदर्शन करने की क्या ज़रुरत हैं,मैं भी आपके बीच का हू,और आपका सेवक हू,आपका हित ही हमारे लिये सर्वोपरी है.।
मैं विचार विमर्श करूँगा,लेकीन सभी पदाधिकारियो के आग्रह और व्यापारियों की परेशानी को देखते हुए माननीय गामा जी ने व्यापारियो को राहत प्रदान करते हुए इसे वापस ले लिया,  तुरन्त व्यापारीयो ने सुनील उनियाल गामा ज़िन्दाबाद के नारे लगाने लगे,और आपस मे सबको बधाईया दी,मिठाईया भी बाटी गई,और मेयर साहब का धन्यवाद किया गया