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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बिना इजाजत आज पैदल मार्च करेंगे प्रदर्शनकारी

  नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में करीब दो महीने से धरने पर बैठी शाहीन बाग की दादियां आज गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर इसे वापस लेने...

  नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में करीब दो महीने से धरने पर बैठी शाहीन बाग की दादियां आज गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर इसे वापस लेने की अपील करेंगी। यह दावा शनिवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने किया है। हालांकि, गृह मंत्रालय की ओर अभी मिलने का कोई समय नहीं मिला है।  वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  प्रदर्शनकारी आज गृह मंत्री के घर तक पैदल मार्च निकाल सकते हैं, इसको लेकर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को एक पत्र लिखा है, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पैदल मार्च की अनुमति नहीं दी है।  वहीं, एक महिला का कहना है कि प्रदर्शनकारी आज गृह मंत्री के आवास की ओर मार्च करेंगे। हम उनसे सीएए-एनआरसी-एनपीआर को वापस लेने की अपील करेंगे। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।  बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह की बातचीत की अपील के बाद शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर दबाव है। वैसे प्रदर्शनकारियों का एक धड़ा गृह मंत्री से मिलने का विरोध कर रहा है। कुछ प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, आज दोपहर वे गृह मंत्री से मुलाकात करने उनके सरकारी आवास पर पहुंचेंगे। सीएए के मुद्दे पर गृह मंत्री ने पूरे देश को मिलकर चर्चा करने का आमंत्रण दिया है। इसलिए वे उनसे मिलने जा रहे हैं।  इस मुलाकात में कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं होगा, बल्कि हर वो व्यक्ति होगा, जिसे सीएए पर आपत्ति है। उधर, प्रदर्शनकारियों की नजर सोमवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर भी टिकी है। बातचीत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के धड़े का कहना है कि आंदोलन सीएए को वापस लेने के लिए शुरू किया गया था। अब सरकार से बातचीत के लिए जाने पर भी इसे वापस लिया जाएगा, ऐसी कोई गारंटी नहीं है।  चुनाव से पहले सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बातचीत के लिए नहीं पहुंचा। इससे साफ है कि सरकार इसे वापस लेने के मूड में नहीं है। चुनाव के बाद गृह मंत्री ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की अपील की है। सिर्फ इसलिए वहां जाना ठीक नहीं है। इस संभावित मुलाकात के मुद्दे पर दोनों धड़ों में तनाव है।  दूसरी ओर, शाहीन बाग का दो महीने से ज्यादा समय से बंद रास्ता खाली कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 17 फरवरी को सुनवाई है। कुछ लोगों का कहना है कि पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का रुख देखने के बाद पूरी आशंका है कि रास्ता खाली करने का आदेश दिया जा सकता है। इस सुनवाई के पहले ही प्रदर्शनकारी बीच का रास्ता तलाश रहे हैं। रास्ता खाली करने के पक्ष में फैसला आने की स्थिति में वे आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं। उधर, पुलिस भी कोर्ट के रुख पर नजर लगाए है।