जहाँ कर्ज के बोझ तले दवे किसान आत्म हत्या करने पर मजबूर हैं तो वहीं कुदरत की मार ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। दोहरी इस मार ने किसानों ...
जहाँ कर्ज के बोझ तले दवे किसान आत्म हत्या करने पर मजबूर हैं तो वहीं कुदरत की मार ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। दोहरी इस मार ने किसानों की रोजी रोटी प र संकट खड़ा कर दिया है, कुदरत की इस मार ने किसानों की गेहूं की फ़सल एक दम नष्ट कर दी है। देर रात्रि हुई तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फ़सल नष्ट हो चुकी है।
हरिद्वार देहात में बारिश और ओलावृष्टि किसानो के लिये एक आफ़त बन कर टूटी है। जनपद भर में तेज हवाओ के साथ खूब बारिश हो रही है--तो कई इलाको में भारी ओलावर्ष्टि हुई है जिससे किसानों की गेहूं ओर सरसो की तैयार फ़सल एक दम नष्ट हो चुकी है। जनपद में ओलावर्ष्टि की लाइव तस्वीरे हर किसी के रोंगटे खड़े कर देंगी-- आप देख सकते हैं किस प्रकार ये कुदरत किसानों के लिए एक आफ़त बन कर टूटी है। हुई इस बारिश से किसानो की गेहूं की फ़सल नष्ट होने से किसानो की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
-किसानो का कहना है कि एक सफ्ताह पहले भी बारिश और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई थी --प्रशासन द्वारा अभी तक किसानो की फसलो के उस नुकसान का भी कोई खास संज्ञान नही लिया गया था --इस बीच सफ्ताहभर दोबारा कुदरत ने किसानो पर आपदा के कहर ढा दिया है ऐसे में किसान पृरी तरहः से टुटुकर बिखर गया है - किसानो को समझ नही आ रहा है क्या करे क्या न करे -कहा जाय किसे अपना दुखड़ा सुनाए-
-उधर एसडीएम लकसर पुरन सिंह राणा का कहना है कि बारिश और ओलावर्ष्टि हुए नुकसान की बाबत क्षेत्रिय लेखपालों से रिपोर्ट मंगवाई जाएगी और जिन किसानो की फसलो के बीमा हो रखा उसकी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी
बेमौसम की इस बरसात ओर बेहताशा ओलावृष्टि ने किसानों को बर्बादी के कगार पर खड़ा दिया है - -शासन प्रशासन की बेरुखी ओर कुदरत की मार से दुखी किसान कैसे उबर पाएंगे ये तो अब देखने वाली बात है