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रबी की फसल की कटाई के लिए किसानों को लॉक डाउन में ढील दे सरकार- प्रीतम सिंह

उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह खेतों में तैयार पड़ी रबी की फसल को काटने के लिए किसानों को लॉक ...


उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह खेतों में तैयार पड़ी रबी की फसल को काटने के लिए किसानों को लॉक डाऊन में ढील देने के लिए तत्काल कदम उठाए।
प्रीतम सिंह ने ने कहा है कि राज्य के पर्वतीय जनपदों की फसल तो पहले ही चौपट से ही हालत में है परंतु जो राज्य के मैदानी जिले हैं वहां पर भी फसल तैयार खड़ी है परंतु मजदूरों के ना रहने से और लॅकडाउन होने से किसान अपने आंसू रो रहा है उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वह मनरेगा के मजदूरों का  फसल कटाई में सहयोग ले जिससे कि उनको भी कुछ प्राप्ति होगी और किसान और राज्य का भी भला हो सकेगा उन्होंने किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का भी राज्य सरकार को सुझाव दिया है उन्होंने इसके अलावा कृषि उपकरणों और दवाइयों से जीएसटी हटाने लॉक डाउन के दौरान कृषि मंडियों को खोले जाने लाख डाउन के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई जाने सरकारी खरीद की सीमा को बढ़ाए जाने और गन्ना किसानों के तत्काल भुगतान किए जाने की भी मांग की है।
हरिद्वार व अन्य जनपदों के किसानो   के गन्ना पेमेंट व
 बे समय वर्षा और ओलों ने  किसानों की फसल की बर्बादी के इन भारी खराब हालातो पर कोरोना ने मार पर महामार का काम कर दिया है। ।जिसका कोई मुआवजा भी सरकार ने किसानो को नहीं दिया है।इसके बावजूद बची खुची फसल को जब काटने का समय आया है तो आज कोरोना वायरस की वजह से मजदूर फसल काटने के लिए  नहीं मिल पा रहे हैं।किसान की फसल खेतों में सड़ रही है ।
 इस सबके बावजूद आज किसानों के गन्ने पेमेंट का बकाया चीनी मिलों के पास पड़ा हुआ है और अकेले हरिद्वार मे गन्ना किसानों का 2 साल से भुगतान  नहीं हो पा रहा है और किसान बहुत बदतर हालत से गुजर रहा है और बहुत ही तंग हाल में है। किसान के पास अन्न पैदा करने के बावजूद भी आज ढंग से अनाज नहीं है और वह अपनी फसल का भी कोई दाम नहीं उठा पा रहा है।
प्रीतम सिंह ने कहा हरिद्वार जनपद में तीन चीनी मिले हैं और अकेले इकबालपुर मिल के पास पिछले 2 सालों से किसानों का  बकाया 180 करोड़ हो गया है। किसानों को देय पिछले 2 वर्षों से यह मिल भुगतान नहीं कर पा रही है। इसी प्रकार से लिब्बरहेङी एवं लक्सर गन्ना मिलों के पास  भी  किसानों के गन्ने  भुगतान का 147 करोङ रुपया  का पेमेंट बाकी है एवं इन मिलों का भुगतान भी बहुत सुस्त है और किसान अपने पेमेंट के लिए सभी तरफ घूम रहा है। 
कांग्रेस कांग्रेस उपाध्यक्ष  एसपी सिंह इंजीनियर  धीरेंद्र प्रताप  और महासचिव विजय सारस्वत  वह विधायकों फुरकान अहमद और ममता राकेश ने  सरकार के किसानों के प्रति बेरुखी के रूप पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह के नेतृत्व में विधानसभा के पटल पर कांग्रेस विधायक दल ने इस मुद्दे को उठाया था और सरकार ने आश्वासन दिया था कि जल्दी पेमेंट करवाया जाएगा।परंतु किसी पेमेंट का भुगतान अभी तक नहीं हुआ और स्थिति जस की तस बनी हुई है और आगे भी कोई संतोषप्रद सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है।
उधर वर्तमान हालातो  की गंभीरता को  नजर में रखते हुए   राज्य काग्रेस के उपाध्यक्ष  एस.पी. सिंह इंजीनियर ,धीरेन्द्र प्रताप, महामन्त्रीगणो विजय सारस्वत , डाक्टर संजय पालीवाल  वह विधायकों फुरकान अहमद व ममता राकेश ने किसानो के मुद्दे क लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए चेतावनी दी है कि यदि किसानों के गन्ना भुगतान  के लिए सरकार और चीनी मिलों  ने जल्द ही कदम ना उठाए तो कांग्रेस पार्टी के पास कोरोना के खराब हालात में भी सत्याग्रह करने के अलावा कोई चारा नही रहेगा।



, विजय सारस्वत और डॉक्टर संजय पालीवाल ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना कि इस महामारी के दौर में राज्य की किसी भी समस्या के संबंध में राज्य के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों को विश्वास में न लिए जाने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह तत्काल  काग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम  व विपक्ष की नेता श्रीमती इंदिरा हृदेश और प्रदेश के वअन्य छोटे दल चाहे उनकी छोटी भूमिका क्यों ना हो तत्काल बातचीत के लिए आमंत्रित करें जिससे कि राज्य की जनता द्वारा झेली जा रही वर्तमान चुनौतियों का मिलजुल कर मुकाबला किया जा सके ।उन्होंने कहा जब अमेरिका और अन्य सक्षम देश भी अकेले दम पर कोरोना का मुकाबला नहीं कर पा रहे है तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कैसे सोच रहे हैं कि वह अकेले ही महाबली हनुमान बनकर सारी चुनौतियों का मुकाबला  कर लेंगे।