उत्तराखंड में हुए क़रीब 5 सौ करोड़ के सिडकुल घोटाले में एक बार फिर आईजी गढ़वाल ने एसआईटी को घोटाले की जांच में तेज़ी लाने के निर्देश दिये है...
उत्तराखंड में हुए क़रीब 5 सौ करोड़ के सिडकुल घोटाले में एक बार फिर आईजी गढ़वाल ने एसआईटी को घोटाले की जांच में तेज़ी लाने के निर्देश दिये हैं। आईजी गढ़वाल का कहना है की एसआईटी क़रीब मार्च 2021 तक अपनी फाइनल रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। आईजी ने हर एक विवेचक को महीने में 2 विवेचनाओं का निस्तारण करने के लिए कहा है। आईजी ने एसआईटी को घोटाले में कुछ महत्वपूर्ण बातें जैसे, काम स्वीकृत करने की प्रक्रिया, टेंडर की पारदर्शिता , काम पूरा होने का बाद काम की गुणवत्ता जैसे बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा है। इसके साथ ही नियुक्तियों में हुई धांधली मामले में पदों की स्वीकृति इंटरव्यू और सर्टिफिकेट की जांच पर फोकस करने के लिए कहा है। आईजी गढ़वाल ने सिडकुल कार्यों में गठित एसआईटी के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के ज़रिये काम की समीक्षा की और दिखा-र्निदेश दिये।
बताते चलें की साल 2017 में सिडकुल में हुई भर्ती अनिमियता और टेंडर घोटाले को लेकर एसआईटी का गठन हुआ था। जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने आईजी गढ़वाल के नेतृत्व में एसआइटी बनाई थी और इस मामले पर खुलासा करने के लिए कहा था। साल 2012 से लेकर 2017 के बीच क़रीब यह 5 सौ करोड़ का घोटाला माना जाता है। वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुए इस घोटाले में सैकड़ों निर्माण कार्यों की जांच चल रही है। निर्माण कार्यों के ऑडिट कराने के बाद यह तथ्य सामने आये थे कि मानकों के विपरीत ठेके आवंटित कर दिये गये थे इसके साथ ही सरकारी धन का दुरूपयोग , वेतन निर्धारण व विभिन्न पदों पर की गई भर्तियों में भी अनियमितताएं पाई गई थी।
आईजी गढ़वाल ने ये भी बताया की घोटाले के दौरान कार्यरत कोई अधिकारी अगर रिटायर्ड भी हो गये हों तो उनको भी एसआईटी का सहयोग करना होगा,,हमारी उद्देश्य किसी को अनावश्यक उत्पीड़न करना नही है ब्लकि निष्पक्ष तरीक़े से जांच करना है।