थाना प्रेमनगर को सूचना मिली कि प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित देव ज्वैलर्स नामक दुकान पर 02 हथियारबन्द व्यक्तियों द्वारा फायर कर लाखों रुपय...
जिस पर तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा पुलिस टीम को फ्लाईट के माध्यम से गोवा रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा गोवा पहुंचकर गोवा पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करते हुये एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया तथा उक्त दोनों अभियुक्तों की तलाश हेतु गोवा पुलिस के साथ सघन कॉम्बिग अभियान चलाया गया। सीसीटीवी के माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी हुई कि दोनो अभियुक्त गोवा में लगातार होटल बदलकर रह रहे हैं तथा कभी-कभी इनके द्वारा एक दिन में 02 से 03 बार होटल बदला जा रहा था। इसी बीच पुलिस टीम को स्थानीय सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि दोनों अभियुक्तों द्वारा गोवा में एक स्थानीय व्यक्ति की आई0डी0 का इस्तेमाल कर एक गाड़ी को किराये पर लिया गया है, जिस पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल गोवा पुलिस के सहयोग से उक्त वाहन के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुये अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु संभावित स्थान पर दबिश देकर अभियुक्तों की घेराबन्दी की गई परन्तु दोनों अभियुक्त मौके से फरार होने में कामयाब रहे।
उक्त घटना के पश्चात अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा एक Dedicated core team बनाने का निर्णय लिया गया, जिसके क्रम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक रायपुर संजय मिश्रा द्वारा उक्त टीम में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की गई। जिस पर उप निरीक्षक संजय मिश्रा को कोर टीम का प्रभारी नियुक्त करते हुए अभियुक्तों के संभावित ठिकानों/ छिपने के स्थानों को चिन्हित कर उन पर गोपनीय रूप से नजर रखने हेतु पुलिस टीम को तैनात किया गया तथा ऐसे व्यक्तियों, जिनके अभियुक्तों के सम्पर्क में आने की संभावना हो उन पर निरन्तर सतर्क दृष्टि रखी गई।
घटना के अनावरण तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा नियमित रुप से थानाध्यक्ष प्रेमनगर, थानाध्यक्ष नेहरुकॉलोनी (विवेचक) तथा core team के प्रभारी के साथ समीक्षा की जा रही थी, परन्तु अभियुक्त बेहद शातिर किस्म के अपराधी थे, जिनके सम्बन्ध में कोई लीड नहीं मिल पा रही थी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये किये जा रहे प्रयासों के क्रम में पहली सकारात्मक सूचना दिनांक 26-11-2019 को प्राप्त हुई, जब दिल्ली में तैनात टीम द्वारा जानकारी दी गई कि अभियुक्त सोनू यादव की सोनू लंगड़ नाम के व्यक्ति से मिलने की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है, उपरोक्त सूचना को core team प्रभारी द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा की जा रही नियमित समीक्षा के दौरान तत्काल् साझा किया गया, जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देशानुसार दिनांक: 27-11-2019 को कोर टीम प्रभारी उ0नि0 संजय मिश्रा अपनी टीम के साथ तत्काल दिल्ली रवाना हुये। उक्त दोनों अभियुक्तों के दिल्ली में होने की प्रबल सम्भावना के दृष्टिगत उनकी गिरफ्तारी के प्रयास करने हेतु दिनांक 04-12-2019 को उ0नि0 धर्मेन्द्र रौतेला, थानाध्यक्ष प्रेमनगर के नेतृत्व में दूसरी टीम को दिल्ली रवाना किया गया।
पुलिस टीम द्वारा दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करते हुये मुखबिर तंत्र को विकसित किया गया तथा अभियुक्तों के संभावित ठिकानों राजनगर, पालम एक्सटेंशन-2, द्वारिका, महिपालपुर, पहाड़गंज आदि क्षेत्रों में लगातार कॉम्बिग की गई। मुखबिर तंत्र के माध्यम से इस बात की स्पष्ट जानकारी मिलने पर कि दोनों अभियुक्त दिल्ली में ही है तथा उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु उपनिरीक्षक दिलबर सिहं नेगी, थानाध्यक्ष नेहरुकॉलोनी (विवेचक) के नेतृत्व में एक अन्य टीम को दिल्ली रवाना किया गया।
दिनांक 12-12-2019 की सांय मुखबिर के माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि अभियुक्त करण शिवपुरी तथा सोनू यादव अपने एक अन्य साथी सतीश के साथ पहाड़गंज इलाके में आये हैं तथा देहरादून में हुई लूट की घटना में प्राप्त ज्वैलरी को बेचने की फिराक में हैं। उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर पहाड़गंज क्षेत्र से तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जिनके निशानदेही पर घटना में लूटी गई ज्वैलरी बरामद की गई। अभियुक्तों को आज माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा। पुलिस द्वारा अपने मुखबिर तंत्र को विकसित करते हुये अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु किये गये उच्चस्तरीय प्रयासों की सफल परिणीति इनकी गिरफ्तारी के रुप में हुई।
पूछताछ में अभियुक्त करण शिवपुरी द्वारा बताया गया कि सोनू यादव तथा सतीश से मेरी मुलाकात तिहाड़ जेल में हुई थी। अभियुक्त सोनू लूट के मामलों में तथा सतीश हत्या के आरोप में जेल में निरुद्ध थे। इस दौरान उनके बीच गहरी दोस्ती हो गई, जेल से निकलने के बाद हम लगातार एक-दूसरे के सम्पर्क में थे, कुछ समय पूर्व देहरादून पुलिस द्वारा मुझे चेन स्नेचिंग के मामले में गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेजा गया था, जहॉ मेरी मुलाकात सूर्य प्रकाश सोनी, जो एक ज्वैलर था से हुई। सूर्यप्रकाश चोरी की गई ज्वैलरी खरीदने के आरोप में जेल गया था, मुलाकात के दौरान मेरे द्वारा सूर्य प्रकाश से लूट की बड़ी घटना को अंजाम देने तथा लूटी गई ज्वैलरी को बिकवाने में मदद करने की पेशकश की गई, तो वह इसके लिये राजी हो गया। जेल से छूटने के बाद मैं, सोनू यादव तथा सतीश को अपनी योजना के सम्बन्ध बताने के लिये दिल्ली चला गया। इसी बीच सूर्य प्रकाश द्वारा प्रेमनगर में देव ज्वैलर्स नामक ज्वैलरी शॉप को घटना के लिये चिन्हित करते हुये दिल्ली आकर हमें अवगत कराया गया, लूट की योजना हमारे द्वारा सोनू यादव के घर पर बनायी गई, इसमें हमने सोनू के छोटे भाई सुमित यादव को भी शामिल कर लिया। चूंकि मैं एक अच्छा बाईकर हूं तथा देहरादून के रास्तों से अच्छी तरह वाकिफ हूं इसलिये घटना को अंजाम देने के लिये हमने मोटर साईकिल का इस्तेमाल करने की योजना बनाई, जिससे घटना करने के बाद हम आसानी से भाग सके। योजना के मुताबिक सुमित व सतीश द्वारा एक पल्सर-200 एनएस मोटर साईकिल को दिल्ली से चोरी किया गया जिसे लेकर मैं और सोनू दिल्ली से देहरादून आये। घटना को अंजाम देने से पहले सोनू और मैंने सूर्य प्रकाश द्वारा चिन्हित की गई दुकान देव ज्वैलर्स की दो बार रैकी की, इसी दौरान हमारे द्वारा दिनांक 04/10/19 को विकासनगर तथा 05/10/19 को पटेलनगर क्षेत्र में चेन स्नेचिंग की घटनाओं को अंजाम दिया गया, जिसमें लूटी गई चेनों को मेरे द्वारा सूर्य प्रकाश को बेचा गया।
दिनांक 07/10/19 को देव ज्वैलर्स में लूट की घटना को अंजाम देने के बाद हम सीधे हरिद्वार चले गये तथा हरिद्वार पहुंचने पर मेरे द्वारा सूर्य प्रकाश से सम्पर्क कर उसे घटना के सम्बन्ध में अवगत कराते हुये दिल्ली आकर घटना मे लूटी गई ज्वैलरी को बिकवाने की बात कही गई। उक्त घटना में हमें लगभग 01 किलो 10 ग्राम सोना व ज्वैलरी तथा 12000/- रूपये (बारह हजार रुपये) प्राप्त हुये थे। लूट के बाद दोबारा उत्तराखण्ड में प्रयोग करने के उद्देश्य से हमारे द्वारा घटना मे प्रयुक्त पिस्टल को दूधली के पास जंगल में छिपा दिया गया तथा घटना में प्रयुक्त चोरी की मोटर साईकिल को नजीबाबाद में छोड़ दिया गया। नजीबाबाद से हम टैक्सी के माध्यम से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचने के बाद हमारे द्वारा घटना की जानकारी अपने वकील शिवेन्द्र को देते हुए सर्राफ से लूटी गई ज्वैलरी में से कुछ ज्वैलरी उसे दी गयी, शेष बची हुई ज्वैलरी को सतीश व सुमित के अलावा एक अन्य व्यक्ति मनजीत के सुपुर्द कर हम दोनो राजस्थान चले गये। मनजीत से मेरी व सोनू यादव की मुलाकात तिहाड जेल में हुई थी, जहां मनजीत 307 भा0द0वि0 के केस में सजा काट रहा था। राजस्थान में एक- दो दिन रुकने के बाद हम वापस दिल्ली आये तथा वहां से फ्लाईट पकड़कर गोवा चले गये। गोवा में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा स्थानीय पुलिस के साथ हमें पकड़ने का प्रयास किया गया परन्तु हम किसी तरह भागने में कामयाब रहे। पुलिस से बचते हुए हम गोवा से सीधे कर्नाटक पहुचे। कुछ समय कर्नाटक में रुकने के बाद जब हमें महसूस हुआ कि मामला अब शांत हो गया है तो हम सीधे दिल्ली आ गये, चूंकि सोनू यादव दिल्ली का ही निवासी है तथा मैं भी पूर्व में दिल्ली में काफी लम्बे समय तक रह चुका हूँ इसलिये हमें यहॉ की गलियों व रास्तों की अच्छी जानकारी थी, हम यहॉ पर आसानी से छुपकर रह सकते थे। सोनू पूर्व में शराब तस्करी का काम करता था इसलिये वह अक्सर शराब कारोबारियों से मिलने जाता रहता था। अपनी पहचान छिपाने के लिये हम अक्सर हेलमेट व मुंह पर मास्क का प्रयोग करते थे चूंकि उत्तराखण्ड पुलिस लगातार हमारी तलाश में अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रही थी तथा उनके द्वारा सूर्य प्रकाश व सुमित को गिरफ्तार किया जा चुका था, इसलिये हम पुलिस से बचने के लिये कभी होटल, कभी दोस्तों के घरों, तथा अन्य स्थानों में अपनी पहचान छुपाकर रह रहे थे। हम किसी भी स्थान पर एक या दो दिन ही रुकते थे, फिर अपना स्थान बदल देते थे। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से हम मोबाईल का इस्तेमाल नहीं करते थे। आज हम तीनों घटना में लूटी गई ज्वैलरी को बेचने की फिराक में थे, तभी पुलिस द्वारा हमें गिरफ्तार कर लिया गया।
नोट: उक्त दोनो अभियुक्त शातिर किस्म के अपराधी हैं, जो कि पूर्व मंे कई बार अन्य राज्यों की पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहे हैं। जिसके दृष्टिगत इन अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु ठोस प्रयास किये जा रहे थे, दोनो अभियुक्तों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा पूर्व में 10000 रूपये ईनाम घोषित किया गया था, साथ ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये 01 लाख रूपये ईनाम घोषित करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून द्वारा अनुशंसा पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था। जो प्रक्रियाधीन है। पुलिस द्वारा घटना के अनावरण हेतु किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस टीम को 20000 रूपये ईनाम देने की घोषणा की गयी है। साथ ही घटना के उत्कृष्ठ अनावरण के लिये पुलिस टीम को उत्कृष्ठ सेवा मैडल प्रदान किये जाने की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय को भेजी जा रही है।
नोट: उक्त दोनो अभियुक्त शातिर किस्म के अपराधी हैं, जो कि पूर्व मंे कई बार अन्य राज्यों की पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहे हैं। जिसके दृष्टिगत इन अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु ठोस प्रयास किये जा रहे थे, दोनो अभियुक्तों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा पूर्व में 10000 रूपये ईनाम घोषित किया गया था, साथ ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये 01 लाख रूपये ईनाम घोषित करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून द्वारा अनुशंसा पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था। जो प्रक्रियाधीन है। पुलिस द्वारा घटना के अनावरण हेतु किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस टीम को 20000 रूपये ईनाम देने की घोषणा की गयी है। साथ ही घटना के उत्कृष्ठ अनावरण के लिये पुलिस टीम को उत्कृष्ठ सेवा मैडल प्रदान किये जाने की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय को भेजी जा रही है।