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विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की तैयारियों को लेकर विधानसभा के अधिकारियों एवं समन्वयक अधिकारियों की समीक्षा बैठक की

विधानसभा भवन, देहरादून में आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की तैयारियों को लेकर विधानसभ...

विधानसभा भवन, देहरादून में आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की तैयारियों को लेकर विधानसभा के अधिकारियों एवं समन्वयक अधिकारियों की समीक्षा बैठक की।इस दौरान श्री अग्रवाल ने सम्मेलन से संबंधित कई विषयों पर अधिकारियों से वार्ता भी की साथ ही  अधिकारियों को निर्देशित किया कि व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे।


समीक्षा बैठक के दौरान विधानसभा के सचिव जगदीश चंद ने विधानसभा अध्यक्ष को सम्मेलन की तैयारियों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक 21 राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों, 5 राज्यों के विधान परिषद के सभापति, 27 राज्यों के विधानसभा उपाध्यक्ष, 2 राज्यों के विधान परिषद के उपसभापति एवं 25 राज्यों के विधानसभा सचिवों की सम्मेलन में प्रतिभाग करने की सहमति प्राप्त हो चुकी है।इस दौरान विधानसभा सचिव ने बताया कि सभी राज्यों के विधान सभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति के साथ उत्तराखंड विधानसभा के एक-एक समन्वयक अधिकारी की ड्यूटी लगा दी गई है।सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा भवन में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है साथ ही एक कंट्रोल रूम आयोजन स्थल रीजेंटा होटल में भी बनाया जाएगा। विधानसभा सचिव ने बताया कि सभी संबंधित अधिकारियों को उनकी जिम्मेवारी सौंप दी गई है।


इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों एवं समन्वयक अधिकारियों से सम्मेलन के दौरान आने वाले विभिन्न विषयों के संबंध में भी विस्तृत वार्ता की।इस दौरान श्री अग्रवाल ने 17 से 21 दिसंबर तक के कार्यक्रम की तिथि वार एजेंडा पर भी चर्चा की।श्री अग्रवाल ने सम्मेलन के प्रत्येक दिन आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की।


इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन पहली बार उत्तराखंड में आयोजित हो रहा है जो कि हम सबके लिए एक जिम्मेवारी का विषय है।श्री अग्रवाल ने सभी अधिकारियों से उत्तराखंड की अतिथि देवो भव: की परंपराओं का निर्वहन करने की बात कही।श्री अग्रवाल ने कहा कि अतिथियों के साथ संबंधित समन्वयक अधिकारी अपने राज्य से संबंधित सभी जानकारियों का अध्ययन कर लें साथ ही देहरादून, हरिद्वार एवं ऋषिकेश में पर्यटन स्थल एवं दर्शन स्थलों के बारे में भी पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त कर ले जिससे कि अतिथियों को भ्रमण के दौरान किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो।श्री अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वह अतिथियों के साथ एक सेतु का काम करेंगे। श्री अग्रवाल ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्मेलन की व्यवस्थाओं को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को मौका पहली बार मिला है इसलिए हमारी सबकी जिम्मेदारी बनती है कि इस सम्मेलन को अधिक सफल बनाने के लिए सभी अपने दायित्व का पूर्ण तरह से निर्वहन करें।


इस अवसर पर शोध एवं संदर्भ शाखा के उप सचिव मुकेश सिंघल, अनु सचिव नरेंद्र रावत, प्रोटोकॉल अधिकारी मयंक सिंघल, सूचना अधिकारी सुजीत थपलियाल, व्यवस्था अधिकारी दीपचंद सहित कई अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।