जहाँ एक तरफ हाई कोर्ट के आदेश पर तालाबो को कब्ज़ा मुक्त कराया जा रहा है वही दूसरी और भूमाफिया भगवानपुर विधान सभा मे हाई कोर्ट के आदेश की ध...
दअरसल पूरा मामला भगवानपुर विधान सभा का है जहाँ भूमाफिया इस वक्त अपने असीम चरम पर है अगर बात हाई कोर्ट के आदेश की जाये तो हकीमपुर तुर्रा में प्रसासन ने सेकड़ो परिवार को घर से बे घर किया है जिसके चलते हाई कोर्ट के आदेश की गरिमा को प्रमुखता से निभाया।
वही अगर खास तौर पर बात भगवानपुर की की जाये तो भगवानपुर में 26 तालाब हुआ करते थे जिनमें से मात्र 3 तालाब ही बचे है उन तीनों तालाबो को भूमाफिया आटने में अपने सफेद पॉश नेताओ का सहारा लेकर उनको आटने में लगे है। कानून की विडबंना देखिये की सब कुछ देखकर भी अनजान है। आखिर भगवानपुर के तालाबो पर ही कियो नही होती कोई ठोस कार्यवाही।या फिर ये कहना गलत नही होगा कि विभागीय अधिकारी की मिली भगत से ही होते है तालाबो पर कब्जे।आपको बताते चले कि रहमानिया इंटर कालेज के अपोजिट साइड में जो तालाब था उसको विभागीय अधिकारियों ने निकाल कर उस जगह दिखा दिया जिस जगह एक मार्किट बनी हुई है और उस मार्किट में कुछ दुकान एक बेवा औरत की है।अब ये कहने में कोई उरेज़ नही है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस।अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या कुमकर्णीय नींद में सोये हुए विभागीय अधिकारी जाग पाते है या नही। ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा या फिर यू कहे कि भगवानपुर में भूमाफियाओं का ही राज चलता रहेगा।