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वृक्षों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करें- बेबी रानी मौर्य

ज्ञान और उल्लास के पावन पर्व वसंत पंचमी के अवसर पर परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार के द्वारा तथा एच. डी. एफ. सी. बैंक के सहयोग से रेलवे स्...

ज्ञान और उल्लास के पावन पर्व वसंत पंचमी के अवसर पर परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार के द्वारा तथा एच. डी. एफ. सी. बैंक के सहयोग से रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश की रेलवे वाटिका में वृक्षारोपण किया गया।
राज्यपाल उत्तराखण्ड महामहिम श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेेमचन्द्र अग्रवाल जी, महापौर ऋषिकेश श्रीमती अनिता ममगाई जी, निदेशक एम्स ऋषिकेश श्री रविकांत जी, एच डी एफ सी बैंक शाखा प्रमुख लखनऊ श्री संजीव कुमार जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ किया।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में परमार्थ निकेेतन, गंगा एक्शन परिवार द्वारा दो लाख पौधों के रोपण का संकल्प लिया गया जिसमें 1 लाख पौधे एच. डी. एफ. सी. बैंक द्वारा प्रदान किये जायेंगे। साथ ही उत्तरकाशी, ऋषिकेश और देहरादून के लिये साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट की भी कार्ययोजना बनायी जा रही है तथा वृहद स्तर पर साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के निदान के विषय में विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। यह प्रदूषण को कम करने तथा हरियाली संरक्षण को बढ़ाने हेतु विलक्षण कार्य हो सकता है। विगत कई वर्षो से परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार द्वारा वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। प्रत्येक मानसून सीजन में उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्यों के विद्यालयों, गुरूकुलों, मदरसों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाता रहा है। विगत वर्ष अमन-एकता हरियाली यात्रा के माध्यम से लाखों पौधों का रोपण किया गया।
साथ ही स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, गंगा आरती में तथा अपने उद्बोधनों के माध्यम से अन्य संस्थाओं को भी प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के कार्यो के लिये प्रेरित करते है। इसी से प्रेरित होकर एच. डी. एफ. सी. बैंक ने परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार के साथ मिलकर वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया है। जिसमें 1 लाख पौधे एच. डी. एफ. सी. बैंक द्वारा प्रदान किये जायेंगे। पौधों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये ’ग्रो ट्रीज’ नामक संस्था से अनुबंध किया गया है।
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर उद्बोधन देते हुये उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी ने कहा कि ’’बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना गया है तथा बसंत पंचमी को फूलों के खिलने और नई फसल के आगमन का त्योहार भी कहा जाता है। बसंत के अवसर पर प्रकृति की खूबसूरती चरम पर होती है उसी खूबसूरती को बनाये रखने के लिये परम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में आयोजित वृक्षारोपण अभियान वास्तव में एक दिव्य आयोजन है।’’
 महामहिम ने कहा कि वैसे तो भारत उन देशों में से एक है जहां वनों का अस्तित्व बढ़ रहा है परन्तु भारत के पास विकास के दबाव के साथ अत्यधिक भू - जनसांख्यिकीय भार भी है, जिसके कारण हमारा देश जैव विविधता की जोखिम का सामना कर रहा है। इस समय भारत के नागरिकों का कर्तव्य है कि जिसके पास जहां पर भी खाली जमीन  पड़ी है उस पर वृक्षारोपण करें और पौधों की देखभाल अपने बच्चों के समान करें। इस अवसर पर उन्होने चिपको आन्दोलन, गौरी देवी, श्री सुन्दरलाल बहुगुुणा जी और श्री कल्याण सिंह जी को याद करते हुये कहा कि उत्तराखण्ड प्रकृति संरक्षण की भूमि है। अब समय पुरानी परम्पराओं को दोहराने का है। उन्होने कपड़े के थैले का उपयोग करने तथा एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश दिया। साथ ही उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों में वृक्षारोपण करवाने की बात पर भी कही।
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी को वसंत पंचमी की शुभकामनायें देते हुये कहा कि आज के इस दिव्य अवसर पर सभी के हृदय में ज्ञान, उल्लास, उमंग और दिव्यता की तरंग का संचार हो। उन्होेने कहा कि संत और बसंत में वैसे तो अनेक समानतायें है परन्तु प्रमुखतः जब बसंत आता है तो प्रकृति सुधर जाती है और जब संत आते है तो संस्कृति सुधर जाती है इसलिये सभी को संत स्वरूप आचरण के साथ प्रकृति और संस्कृति दोनों के सुधार के लिये कार्य करना होगा तभी हम प्रदूषण रूपी वैश्विक समस्या का समाधान कर सकते है।
 स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य जन्म लेता है तब से ही उसे प्राणवायु आॅक्सीजन की जरूरत होती है और मृत्यु होने के पश्चात भी वह एक पेड़ लेकर जलता है। ऐसे में जीवन की सार्थकता और अर्थपूर्ण जीवन यही है कि जीते जी पौधों का रोपण अवश्य करें ताकि अपने श्रेष्ठ कर्मो की विरासत के साथ मृत्यु को प्राप्त हो सकें। मुझे तो लगता है प्रकृति का संरक्षण ही वर्तमान समय का सार्वजनिक और निजी दायित्व है। वृक्ष, अमूल्य धरोहर हैं। जो क्षेत्र वृक्षों से समृद्ध है वह क्षेत्र मनुष्य को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करता है। वृक्षों से युक्त हरा-भरा क्षेत्र प्रकृति की जीवंतता को दर्शाता है। साथ ही वृक्ष, मिट्टी की उर्वरता, प्रदूषण नियंत्रण, आॅक्सीजन का उत्पादन, पानी की गुणवत्ता और पारिस्थितिकी तंत्र को बनायें रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सबसे बड़ी बात वृक्ष, जीवन के अस्तित्व को सुनिश्चित करते हैं।
 स्वामी जी ने सीएए पर बोलते हुये कहा कि यह किसी को तोड़ने के लिये नहीं बल्कि जोड़ने के लिये है अतः भय और भ्रम में नहीं बल्कि भाव से जिये।
 श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी ने पर्व और त्योहारों के अवसर पर वृक्षारोपण करने का संदेश देते हुये कहा कि धरती जब अपना परिधान बदलती है तब वसंत आता है। वैसे तो उत्तराखण्ड में 70 प्रतिशत भूमि पर जंगल है परन्तु हमें अपने पूरे राष्ट्र को स्वस्थ रखने के लिये यहां से आॅक्सीजन की आपूर्ति करना होगा इसलिये पौधों का रोपण करना नितांत अवश्यक है।
 मेयर श्रीमती अनिता ममगई जी ने एच डी एफ सी बैंक को उत्तराखण्ड में 1 लाख पौधों के रोपण हेतु बधाई देते हुये कहा कि पौधों के रोपण के साथ उनका संरक्षण और संवर्द्धन जरूरी है। आगामी पीढ़ियों के लिये पर्यावरण का संरक्षण करने हेतु मिलकर भागीरथी प्रयास करने की नितांत आवश्कता है।
 एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत जी ने कहा कि सबसे अच्छा डाॅक्टर है ’’वायु, रेनबो डाइट, व्यायाम, पर्याप्त नींद, सूर्य प्रकाश और स्वच्छ जल’’ इसके बिना मनुष्य स्वस्थ नहीं रह सकता और यह सब हमें प्रकृति और पर्यावरण से प्राप्त होते है अतः स्वस्थ रहने के लिये पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है।
 एच डी एफ सी बैंक उत्तराखण्ड और उत्तरप्रदेश के प्रमुख श्री संजीव कुमार जी ने कहा कि उत्तराखण्ड में 1 लाख पौधों का रोपण हमारे सीएसआर के तहत किया जा रहा है साथ ही हम लगभग 10 हजार परिवारों को लघु स्तर पर व्यापार के लिये सहयोग प्रदान करते है तथा सीएसआर के तहत गांवों के बच्चों को व्यवसायिक की प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि हमें पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में सहयोग प्रदान करना चाहिये। अगर हम विकास के लिये वृक्षों को काटते है तो उससे अधिक वृक्ष हमें दूसरे स्थानों पर लगाना चाहिये। वृक्ष हमें केवल आॅक्सीजन ही नहीं प्रदान करते बल्कि वह अनेक पशु पक्षियों का घर भी है इसलिये पौधों का रोपण करे जिससे जंगली जीवों और पक्षियों का घर बना रहे।
 सभी अतिथियों का स्वागत और वोट फाॅर थैंक्स करते हुये एच डी एफ सी बैंक के श्री अनुजराज मिश्र जी ने कहा कि ’हम आज प्रकृति के उल्लास के पर्व वसंत पंचमी के अवसर पर प्रकृति के संरक्षण हेतु वृक्षारोपण करने के लिये एकत्र हुये है। हमारा उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और उज्जवल भविष्य प्राप्त सकें। मैं हमारे बीच उपस्थित हमारे मार्गदर्शक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जिन्होने अपने उद्बोधन से नहीं बल्कि अपने जीवन से हमें प्रकृति के सान्निध्य में जीवन जीना और पर्यावरण व जल संरक्षण का संदेश दिया। इस कार्यक्रम को दिव्य बनाने और शक्ति प्रदान करने के लिये महामहिम श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी हमें अपना अमूल्य समय दिया मैं एच डी एफ सी बैंक की ओर से उनका हृदय से आभारी हूँ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु उपस्थित गणमान्य अतिथि, शिक्षक, शिक्षिकायें और प्यारे प्यारे बच्चों को बहुत-बहुत धन्यवाद।’
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने वहां उपस्थित सभी को एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया। साथ ही विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। परमार्थ निकेतन द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अल्प संख्यक आयोग अध्यक्ष सरदार नरेंद्र जीत सिंह बिन्द्रा जी, श्री प्रदीप मौर्य जी, श्री गोविन्द अग्रवाल जी, श्री अनिल मेहरोत्रा जी, श्री इन्द्र प्रकाश अग्रवाल जी, श्री विशन खन्ना जी, श्री सी ए शेखर जी, श्री अजय गुप्ता जी, श्री मदन कोठारी जी, श्री मदन शर्मा जी, स्टेशन अधिक्षक आर के मीणा जी, एच. डी. एफ. सी. बैंक की ओर से संजीव कुमार जी, श्री अनुजराज मिश्र जी, गुरूमीत सिंह एवं अन्य अधिकारी, परमार्थ निकेतन के व्यवस्थापक राम अनन्त तिवारी, नन्दिनी त्रिपाठी, नरेन्द्र बिष्ट, वंदना शर्मा, आचार्य संदीप, आचार्य दीपक, अमित यादव, राकेश रोशन, मुकेश, उदय, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, परमार्थ परिवार के सदस्य, विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालु, स्थानीय अतिथिगण, रेलवे स्टेशन ऋषिकेश के अधिकारीगण, नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारीगण उपस्थित थे।