20 सूत्रीय मांगों को लेकर आज कपीरी संघर्ष समिति के सैकड़ो लोगो ने कर्णप्रयाग में गाजे बाजो के साथ मुख्य बाजार से लेकर तहशील परिसर तक जमकर आंद...
20 सूत्रीय मांगों को लेकर आज कपीरी संघर्ष समिति के सैकड़ो लोगो ने कर्णप्रयाग में गाजे बाजो के साथ मुख्य बाजार से लेकर तहशील परिसर तक जमकर आंदोलन किया । और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा । नाराज लोगो का कहना है कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आज पहाड़ो में रहने वाले लोगो को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । मगर मौजूदा डबल इंजन कि सरकार आंखे मूंदे बैठी है । यही कारण है कि आज मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पहाड़ो से आये दिन पलायन हो रहा है ।
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उत्तराखंड राज्य स्थापना के 19 सालो बाद भी इस पहाड़ी प्रदेश का अभी तक समुचित विकास नही हो पाया है । जिस अवधारणा को लेकर अलग राज्य की मांग की गई थी वह सपना आज भी पूरा नही हो पाया है । भाजपा और कॉंग्रेश दोनो ही पार्टियां इसकी मुख्य रूप से जिम्मेदार है । अगर यहां का विकास हुआ है तो क्यों आज पहाड़ो में जनता को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है । 20 सूत्रीय मांगों को लेकर आज चमोली जिले के कर्णप्रयाग तहशील के कपीरी संघर्ष समिति के 35 गावो के सैकड़ो लोगो ने कर्णप्रयाग मुख्य बाजार से लेकर तहशील तक सरकार और कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी के खिलाप जमकर नारेबाजी की । आन्दोलन कर रहे लोगो ने तहशील में जनसभा की , इस दौरान संघर्ष समिति के लोगो ने कहा कि सरकार विकास की बातें जरूर कर रही है मगर आखिर विकास हो कहाँ रहा है यह कही दिखाई नही देता है । कपीरी पट्टी के लोग आज मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे है । सड़क , बिजली , पानी , और मोटर पुलों का कार्य ठप पड़ा हुआ है । ग्रामीण क्षेत्रो में जंगली जनवरो का आतंक छाया हुआ है जिससे काश्तकारों ने खेती करना बंद कर दिया है । स्वस्थ्य को लेकर गर्भवती महिलाएं डॉक्टरों के अभाव में रास्ते मे ही दम तोड़ रही है । मगर यहाँ के बिधायक जनता की एक भी नही सुनते आखिर जनता जाए तो जाए कहाँ ।
वर्तमान सरकार के खिलाप हो रहे इस आंदोलन में विपक्षी पार्टी कॉंग्रेश को भी अपने पकोड़े तलने का मौका मिल गया है । तो आखिर वह भी कैसे पीछे हट सकती है । आंदोलन को समर्थन दे रहे पूर्व विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कॉंग्रेश सरकार के दौरान स्वीकृत कार्य आज भी अधूरे पड़े है । इन तीन वर्षों में डबल इंजन की यह सरकार एक भी कार्य को आगे नही बढ़ा पाई है । बिजली , पानी व सड़क , शिक्षा को लेकर हो रहे इस आंदोलन को उन्होंने जायज बताते हुए कहा कि जनता आज मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है मगर मौजूदा बिधायक आखिर है कहाँ । भाजपा सिंर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है । कॉंग्रेश के प्रदेश सचिव मुकेश नेगी ने कहा कि अगर पहाड़ो से पलायन को रोकना है तो पहाड़ो में विकास करना होगा । सरकार यदि पहाड़ो का समुचित विकास कर दे तो पलायन हो ही क्यों ।
भाकपा माले ने भी जनता के द्वारा किये जा रहे इस आंदोलन को उचित बताया है । भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि मौजूदा डबल इंजन की इस सरकार का ध्यान जनता की समस्याओं पर नही है । बिजली , पानी , सड़क , शिक्षा को लेकर किया जा रहा यह आंदोलन सरकार की कमियों का एक उदाहरण भर है । आज आये दिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन हो रहे है । सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि जनता का नही अपना विकास का रही है ।
नेता चुनावों के समय कसमें खाते है आंसू भी बहाते है और जनता के पैर भी छूते है । कि हम क्षेत्र का विकास करेंगे , जनता के साथ हर पल खड़े रहेंगे मगर चुनाव जीतने के बाद क्या होता है इसका जीता जागता उदाहरण अभी आपने तस्वीरों में देख लिया होगा । कसमें तो खाते है जनता के विकास की मगर सत्ता हथियाते ही उन्हें अपने विकास की लगी रहती है । बेचारी जनता ऐसे ही सडको में धक्का खाती है । उत्तराखंड के पहाड़ो में लोगो को परेशानियों से आये दिन दो चार होना पड़ता है । जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है । मूलभूत सुविधाओं के अभाव में सरकारों के खिलाप हो रहे आंदोलन सरकार के खिलाप निराशा का जनादेश है । सरकारों को यही पहाड़ों से पलाइन रोकना हो तो पहाड़ो में विकास करना होगा ।