, जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलैक्टेªट सभागार में ‘‘मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा’’ के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की...
, जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलैक्टेªट सभागार में ‘‘मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा’’ के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने मिशन रिस्पना से जुडे़ प्रमुख रेखीय विभागों के साथ ही सभी नोडल अधिकारियों को आपसी समन्वय से सामुहिक प्रयासों से कार्य करते हुए नदी के पुनर्जीवन के कार्यों को धरातल पर उतारने के निर्देश दिये। उन्होंने वन विभाग, नगर निगम देहरादून, एमडीडीए, जल संस्थान, राजस्व विभाग इत्यादि विभागों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान जैसे तकनीकी संस्थानों को साथ लेकर रिस्पना नदी के अपर हैड से लेकर डाउन स्ट्रीम तक का स्थलीय निरीक्षण करके रिस्पना की वस्तुस्थिति की सही जानकारी लेकर प्रभावी और सम्पूर्ण प्लान बनाकर आगामी 15 दिन में होने वाली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को नगर निगम और एमडीडीए के समन्वय से राजस्व रिकार्ड में सम्पूर्ण रिस्पना नदी के मूल स्वरूप उसकी वास्तविक चैड़ाई और गहराई (भूतल) की सही जानकारी के साथ ही नदी में अतिक्रमण क्षेत्र और वर्तमान में उसकी स्थिति का विवरण तैयार करके 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
प्रस्तुत किये जाने वाले प्लान में नदी के मूलस्वरूप और वर्तमान वस्तुस्थिति के साथ ही प्लान्टेशन, स्थायी और तात्कालिक साफ-सफाई, सीवर ट्रीटमेन्ट, नदी में गिरने वाले नालों की रोकथाम इत्यादि का वित्तीय आवश्यकता सहित समग्र प्लान बनाने के जिलाधिकारी ने निर्देश दिये। उन्होंने प्लान को वास्तविक आवश्यकता और परिणाम (Outcome) आधारित बनाने की बात कही। उन्होंने जोर दिया कि पहला कार्य नदी की वास्तविक समस्याओं को ठीक से समझकर उसका सम्पूर्ण निदान करने में आने वाले सम्पूर्ण खर्च और विभिन्न विभागों और ऐजेन्सियों द्वारा विभागीय स्तर पर, सामुहिक तरीको से तथा विभिन्न कार्यों को कन्वर्जेन्स के प्रसायों से करने की दृष्टि से प्लान तैयार करने को कहा।
जिलाधिकारी ने प्लान्टेशन की रिपोर्ट और सरवाइव हुए पौधों का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि प्लान्टेशन में बरगद, पीपल जैसे जल्दी सरवाईव होने वाले तथा अधिक पर्यावरणीय हितैषी वृ़क्षों को वरीयता में रखते हुए प्लान्टेशन करें। उन्होंने नदी के अपर हैड में वन विभाग और नगर पालिका मसूरी को विशेष प्रयास करने तथा डाउन स्ट्रीम में पेयजल निगम, राजस्व विभाग, नगर निगम, एमडीडीए जैसे विभागों को मुख्य जिम्मेदारी समझते हुए कार्य करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि देहरादून की महत्वपूर्ण पहचान साबित होने वाला यह एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है इसी के चलते मिशन रिस्पना और रिवरफ्रन्ट डेवलपमैन्ट प्रोजेक्ट दोनों को संयुक्त तरीके से देखने और कार्य करने की जरूरत है, जिसके लिए एमडीडीए, नगर निगम देहरादून, नगर पालिका मसूरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे विभागों /संस्थाओं के सक्रिय सहयोग की भी नितान्त आवश्यकता है। अतः उनकी भी अनिवार्यरूप से सक्रिय भागीदारी लेते हुए प्रभावी और वास्तविक प्लान तैयार करें और अगली बैठक में ये विभाग भी प्रभावी प्लान के साथ अपना प्रजेन्टेशन प्रस्तुत करेंगे।
इससे पूर्व डीएफओ देहरादून ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से उपस्थित सदस्यों को रिस्पना के पुनर्जीवन के प्रसासों के दौरान किये गये वृक्षारोपण तथा जलसंरक्षण के कार्यों से अवगत कराया।
बैठक में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान व मसूरी कहशां नसीम,अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा, नगर मजिस्टेªट अनुराधा पाल, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय सहित वन विभाग, जल संस्थान, राजस्व विभाग, पेयजल निगम, लोक निर्माण विभाग, सिचंाई विभाग सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।