Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

Breaking News

latest

इस सत्र में धान खरीद में तीन अरब के घोटाले का आरोप

सितारगंज में पूर्व दर्जा राज्य मंत्री डा. गणेश उपाध्याय ने कहा कि इस वर्ष 2019-20 में धान की लक्ष्य से अधिक खरीद में करीब तीन अरब रुपये का घ...


सितारगंज में पूर्व दर्जा राज्य मंत्री डा. गणेश उपाध्याय ने कहा कि इस वर्ष 2019-20 में धान की लक्ष्य से अधिक खरीद में करीब तीन अरब रुपये का घोटाला हुआ है। पूर्व मंत्री कृषि अनाज मंडी के गेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता कर रहे थे उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर वह कोर्ट में जनहित याचिका भी जल्द दायर करने वाले हैं। पत्रकारों से वार्ता में उपाध्याय ने कहा कि पहले उत्तराखंड में धान खरीद का लक्ष्य 55 लाख कुंतल रखा गया था। जो माह नवंबर 2019 से बीते फरवरी तक पूरा होना था।  लेकिन मात्र डेढ़ माह के अंदर ही 90 लाख कुंतल धान की तौल हो चुकी है।उन्होंने बताया की जब उन्होंने निदेशक एफसीआई ने ई-पोर्टल में धान की खरीद का आंकड़ा भी देखा। उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने निदेशक  एफसीआई से मिले और जानकारी ली। जिस पर उन्होंने बताया कि निदेशक द्वारा बताया गया कि धान खरीद की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हैं। 

उपाध्याय ने बताया की संभागीय खाद्य नियंत्रक व डिप्टी आरएमओ वेद धूलिया के बातों में विरोधाभास हैं। उनका कहना था कि किसानों से 1500 रुपये प्रति कुंतल से भी कम की दर पर धान खरीदा गया जबकि सरकारी रेट 1815 रुपये प्रति कुंतल हैं। इससे जाहिर है कि धान की खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है। यह घोटाला करीब तीन अरब रुपये तक का हो सकता हैं। उपाध्याय ने धोटाले का आरोप राइस मिलर, कमीशन एजेंट, सरकार तथा विभाग की मिलीभगत से किया गया है। जो रुपया किसानों को मिलना चाहिए था उसमें इतना बड़ा गोलमोल किया गया है। उपाध्याय ने कहा कि वह जल्द ही इस मामले में जनहित याचिका दायर करेंगे। उनका कहना था कि अभी धान का करीब चार करोड़ का भुगतान बचा है। वर्तमान में गन्ने का जो भुगतान होना है वह 4 अरब 72 करोड़ का हैं। विगत वर्षों का 2 अरब 51 करोड़ का भुगतान शेष है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है वह 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जायेगी। दूसरी तरफ किसानों को जो आय होनी थी उसी में घोटाला किया जा रहा हैं।