कोतवाली ऋषिकेश में कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई थी कि आई.डी.पी.एल के जंगल में अज्ञात महिला का शव पड़ा हुआ है।* प्राप्त सूच...
कोतवाली ऋषिकेश में कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई थी कि आई.डी.पी.एल के जंगल में अज्ञात महिला का शव पड़ा हुआ है।*
प्राप्त सूचना पर तत्काल क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश महोदय व प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश मय हमराह कर्मचारी गणों व चीता मोबाइल (महिला व पुरुष) के घटनास्थल पर पहुंचे थे।
*जहाँ मौके पर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण किया तो मृतका महिला का शव चार-पांच दिन पुराना प्रतीत हो रहा था, तथा 40% शरीर खराब (सड़) हो चुका था। मौके पर फॉरेंसिक टीम को बुलवाकर भी जांच की गई।*
कल कोतवाली ऋषिकेश में *शिकायतकर्ता महेन्द्र राम पुत्र नन्हक ग्राम लोहर, पोस्ट भरथाव जिला बलिया थाना सिकंदरपुर उत्तर प्रदेश हाल निवासी अंबिका जोशी का मकान ढाल वाला मुनी की रेती जिला टिहरी गढ़वाल* के द्वारा एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया कि *मेरी पत्नी पानमती देवी उम्र 35 वर्ष दिनांक 4 अप्रैल 2020 को सुबह करीब 9:00 बजे अपने घर से चली गई थी जो, कि घर वापस नहीं आई तो मैंने उसे इधर उधर काफी ढूंढा पर उसका पता नहीं चला। मुझे 11 अप्रैल 2020 को पता लगा कि आई.डी.पी.एल क्षेत्र के जंगल में एक महिला की लाश मिली है, तो मैं उसे देखने एम्स अस्पताल की मोर्चरी में गया तो वह मेरी पत्नी का था।*
शिकायतकर्ता की शिकायत में तत्काल मुकदमा अपराध संख्या 158/2020 धारा 302 आईपीसी पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई थी।
*उक्त मुकदमे के सफल अनावरण हेतु पुलिस उप- महानिरीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद देहरादून के द्वारा तत्काल टीम गठित कर अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु आदेशित किया गया था।*
जिसके अनुपालन में श्रीमान पुलिस अधीक्षक देहात व क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश महोदय के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश महोदय द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश देकर टीम गठित की गई थी। जिस पर गठित टीम द्वारा निम्नलिखित कार्य किए गए,
1- *मृतका के मोबाइल की कॉल डिटेल निकालकर गहन अध्ययन कर संबंधित मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया गया।*
2- *मृतका के रिश्तेदारों व दुकान लगाने वाले स्थान के आसपास के ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ की गई।*
3- *घटनास्थल व उसके आसपास आने-जाने वाले रास्तों के लगभग 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया गया।*
4- *मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।*
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*घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे में एक व्यक्ति दिखाई दिया। जिसकी फोटो के विषय में जानकारी की गई तो उसका नाम सुरेश निवासी ढालवाला पता चला। अतः आज उसको कोतवाली ऋषिकेश में पूछताछ हेतु बुलाया गया। व उसको सीसीटीवी फुटेज दिखाई। जिस पर वह टूट गया और अपने द्वारा उक्त महिला की हत्या करने का जुर्म कबूल किया गया है।*
पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं काफी वर्षो से तनख्वा पर लोगो का ट्रैक्टर चलाकर अपना जीवन यापन करता हॅूं। आज से लगभग 4-5 वर्ष पूर्व मेरी पहचान महेन्द्र पुत्र नन्हक मूल निवासी ग्राम बलिया उ0प्र0 हाल नि0 ढालवाला मुनिकीरेती से हुई थी, जो अपनी पत्नी पानमती के साथ ढालवाला क्षेत्र में खाने व चाय की ठेली लगता था। हम दोनो का एक दूसरे के घर में आना जाना भी होने लगा, इसी के चलते मेरी जान पहचान महेन्द्र की पत्नी पानमती से हो गयी थी, मैं पानमती से फोन पर काफी बातचीत करने लगा था।इस दौरान हम दोनो के बीच अवैध सम्बन्ध बन गये । मैं जहां काम करता था, वहां से मुझे ₹10000 तनखा मिलती थी, जिसमें से प्रत्येक माह ₹5000 पान मति मांग लेती थी। जिसको मैं हर महीने ₹5000/- दे रहा था। वह कहती थी कि यदि तुमने ₹5000/- नहीं दिए तो मैं पुलिस व तुम्हारे घर वालों को बता दूंगी। पानमती की इस धमकी से मैं काफी डर गया था व परेशान रहने लगा था व मुझे डर लगने लगा था कि यदि पानमती अचानक किसी दिन पुलिस या मेरे घर चली गयी तो मेरी सारी पोल पट्टी खुल जायेगी, जिसके चलते मैंने पानमती को अपने रास्ते से हटाने की ठान ली थी। दिनांक 04.04.20 को पानमती ने सुबह मुझे फोन किया व मुझसे कहा कि मुझे 5000 रूपये की जरूरत है मैने सोचा इसे आज रूपये देने के बहाने की एकान्त में ले जाकर खत्म कर दूंगा इस पर मैने उसे बाद में फोन कर आने को कहा, लगभग साढे नौ बजे मैने पानमती को फोन कर 14 बीघा वाले पुल पर मिलने को कहा व वहां से मैं पानमती को अपनी सफेद टीवीएस स्कूटी जिसका नम्बर UK14 -F-1876 है, पर बैठाकर हरिद्वार रोड़ होते हुये आईडीपीएल गोल चक्कर से पहले जंगल जाने वाली कच्ची पक्की पगड़डी से होता हुआ एक छोटे से मैदान पर पंहुचकर स्कूटी खड़ी कर पानमती को लेकर थोड़ा अन्दर झाड़ियों की तरफ गया। वहां पर मैने पानमती को शराब पिलाई व उसके मद्यहोश होने के बाद उसके साथ अवैध सम्बन्ध बनाये। जब उसे नशा ज्यादा हो गया, तब मैने पास पड़ा एक बड़ा सा पत्थर उठाकर उसके सिर पर दो तीन बार मार दिया, जिससे वह मौके पर ही मर गयी, पत्थर को मैंने वंही झाड़ियों के पीछे छिपा दिया तथा मैं झाड़ियों के बीच से निकलकर अपनी स्कूटी से वापस अपने घर आ गया, इसी दौरान मेरा आधार कार्ड भी वंही कंही झाड़ियों में गिर गया था। मैं काफी डर हुआ था व तबसे अपने घर व आस पास ही छिपा था, मुझसे गलती हो गयी है मुझे माफ कर दो, जिस पत्थर से मैने पानमती को मारा उसे मैं आपके साथ चलकर बरामद करवा सकता हॅूं।
*सुरेश उपरोक्त द्वारा पानमती की हत्या करना, छिपाये गये , आलाकत्ल पत्थर को बरामद करना, सुरेश के मोबाईल नम्बर की लोकेशन घटनास्थल के पास होना, सीसी टीवी कैमरे में सुरेश द्वारा पानमती को अपनी स्कूटी में बैठाकर ले जाते हुये दिखाई देना पाया गया है। अतः सुरेश उपरोक्त को उसके जुर्म धारा 302 भादवि के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया।*
अभियुक्त को समय से माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।