उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अब गैरसैंण वासी कहलाएँगे. यह इसलिए क्यूँकि मुख्यमंत्री खुद अब गैरसैण के भूमिधर बन गये हैं. यह...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अब गैरसैंण वासी कहलाएँगे. यह इसलिए क्यूँकि मुख्यमंत्री खुद अब गैरसैण के भूमिधर बन गये हैं. यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने दी है. मुख्यमंत्री ने रिवर्स पलायन का बङा संदेश देते हुए कहा कि “गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है. गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है. लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं. गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखण्ड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा. रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर. स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ”
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड में स्वरोज़गार को बढ़ावा दे रही है. हम अपने युवा को स्वरोज़गार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प हैं और ऐसा करने से पहाड़ बसेगा. राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी से उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप की तरफ़ ले जाने और प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए कार्य किया है और यह प्रक्रिया आगे और गति पकड़ेगी. हमारी सरकार पुरानी धारणाएँ तोड़ने की कोशिश कर रही है-हम स्वरोज़गार को विकास का माध्यम बना रहे हैं. मुख्यमंत्री ने घी संक्रांति के पावन अवसर पर उत्तराखंड वासियों से अनुरोध कि सभी अपने अपने गाँवों की तरफ़ रूख करेंगे और वहां के अपने घरों का बेहतर रख-रखाव करेंगे