Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

Breaking News

latest

देखे किसने कहा उत्तराखंड सरकार जन विरोधी

उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने आज उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन करते हुए प्रदर्शन किया उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार...

उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने आज उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन करते हुए प्रदर्शन किया उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने उत्तराखंड के जनमानस को ठेश पहुँचा रही है।चाहे गैरसैण की मांग को लेकर आन्दोलनकारियो की गिरफ्तारी हो,गैरसैण परिक्षेत्र में जमीनों की बिक्री पर रोक हटाना,108 के पूर्व कर्मचारियों को सड़कों पर ला देना,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा देने वाली सरकार का सबसे बड़ा उदाहरण शीला रावत 460 दिनों से अपनी मांग को लेकर धरने में बैठी है,जिला विकास प्राधिकरण बनाकर पहाड़ो में छोटे दुकानदारों के रोजगारों पर डाका,इन्वेस्टर्स समिट के आड़ पर पहाड़ के जमीनों को बाहरी व्यक्तियों को सौंपने की साजिश आदि इस सरकार के निर्णयों से साफ प्रतीत होता है कि यह सरकार राज्य विरोधी सरकार है और राज्य के संसाधनों को बाहरी व्यक्तियों हाथों खुली लूट का आमंत्रण से राज्य वासियों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है।मेडिकल की फीस बढ़ोत्तरी के लिए कॉलेजों को छूट देना।
      एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्रियों के सुविधाओं पर रोक माननीय न्यायालय द्वारा साफ कहा गया है।त्रिवेंद्र की सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बरकरार करने के लिए अध्यादेश ला रही है।वही कर्जे के बोझ को झेल रहा उत्तराखण्ड राज्य को सरकार खुले बाजार से कर्जा लेकर जनता को मार रही है जबकि अपने विधायको और दर्जाधारियो के बेतन चार गुना बढ़ा देना क्या न्याय संगत है।
न्यायालय विभाग में लिपिकपद के लिए किसी भी प्रदेश का आवेदन कर सकता है।इसके लिए  उत्तराखण्ड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय अधिष्ठान नियमावली में संशोधन कर दिया है।इस संशोधन से प्रदेश के बाहर पंजीकृत बेरोजगारों के लिए आवेदन करने की खुली छूट है।जिससे उत्तराखंड के बेरोजगारों के साथ सरकार ने कुठाराघात किया है।त्रिवेंद्र सरकार की जनविरोधी इस निर्णय के खिलाफ दल मुखर होते हुए चेतावनी देता है कि स्थानीय उत्तराखंडी युवाओं के भविष्य के साथ किये गए इस खिलवाड़ पर सरकार अगर नही चेती तो दल आर पार की लड़ाई के लिए बाध्य होगा। कार्यक्रम में श्री हरीश पाठक,सुनील ध्यानी,लताफत हुसैन,रेखा मिंया,शैलेश गुलेरी,शांति भट्ट,केन्द्रपाल तोपवाल,धर्मेंद्र कठैत,अशोक नेगी,आलम नेगी,विलाल अहमद,राजेन्द्र प्रधान आदि लोग मौजुद रहे