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कोरोनिल दवा पर पतंजलि को नोटिस

पतंजलि की कोरोनिल दवा विवादों में घिर गई है। इसे लेकर उत्तराखंड सरकार नोटिस जारी करने जा रही है। आयुर्वेद विभाग ने साफ किया है कि पतंजलि को...



पतंजलि की कोरोनिल दवा विवादों में घिर गई है। इसे लेकर उत्तराखंड सरकार नोटिस जारी करने जा रही है। आयुर्वेद विभाग ने साफ किया है कि पतंजलि को आवेदन के मुताबिक ही लाइसेंस जारी किया गया है। उत्तराखंड आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता की दवाई बनाने यानि इम्युनिटी बूसटर का लाइसेंस दिया गया है। पतंजलि को सिर्फ इम्यूनिटी बूस्टर, खांसी और बुखार के लिए लाइसेंस की मंजूरी दी गई है। भारत सरकार ने हमसे पूछा है हम वहां भी यही जानकारी भेज रहे हैं। पंतजलि दिव्य फार्मेसी के नाम पर 12 जून को लाइसेंस जारी किया गया। लाइसेंस में कोरोनिल वटी समेत दो अलग-अलग मात्र वाली श्वासारी दवा को इम्यूनिटी बूस्टर बताया गया है। अब कंपनी को नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि वह किस आधार पर इम्यूनिटी बूस्टर की दवाओं को कोविड-19 की दवा बता रही है।



 



आयुष मंत्री का कहना है उत्तराखंड सरकार भी इम्यूनिटी बूस्टर दवा का निर्माण कर रही है। कोरोना वाॅरियर को यह आर्युवेदिक दवाई दी भी गई है। काफी पुराना और प्रचलित फार्मूला है। राज्य सरकार ने पंतजलि से पूछा है कि आपने हमसे इम्यूनिटी बूस्टर का लाइसेंस मांगा था जो हमने जारी किया है। आप जो कोविड की दवा बनाने का दावा कर रहे हैं उसका लाइसेंस आपने कहां से लिया है। आयुष मंत्री ने कहा कि यदि हमारे लाइसेंस पर कोविड की दवाई का निर्माण और प्रचार प्रसार किया जा रहा है तो पूरी जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।



 



पतंजलि योगपीठ फेज-टू में मंगलवार को योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने कोरोनिल समेत तीन दवाइयां लॉन्च की और इन्हें कारोना वायरस की दवाई बताया था। इसे लेकर उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग का कहना है कि पतंजलि के आवेदन के मुताबिक लाइसेंस जारी किया गया है। इसमें कहीं भी कोरोना वायरस का उल्लेख नहीं किया गया था। गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने जैसे ही कोरोना को सात दिन में पूरी तरह ठीक करने के दावे के साथ दवा को लॉन्च किया, केंद्रीय आयुष मंत्रालय भी हरकत में आ गया था। इसके बाद आयुष मंत्रालय ने तुरंत पतंजलि को दवा के प्रचार-प्रसार के विज्ञापनों पर रोक लगाने को कह दिया।